रामायण का पहला श्लोक संस्कृत भाषा में लिखा गया है और वाल्मीकि मुनि द्वारा रचित है। यहां वह पहला श्लोक है:
"वाल्मीकेर्विदिते रामसग्रीवसंवादे। तत्र गच्छत्ययोध्यायां रघुवंशनृपः॥"
इस श्लोक का हिंदी अनुवाद है:
"जिस समय वाल्मीकि मुनि के ज्ञान में श्री राम और सुग्रीव का संवाद संभव हुआ। तब तक वह रघुवंश के राजा अयोध्या में चले गए॥"
यह श्लोक रामायण की कथा की शुरुआत को दर्शाता है, जहां वाल्मीकि मुनि रामायण के लेखक के रूप में प्रस्तुत होते हैं और उनके द्वारा राम और सुग्रीव के बीच होने वाले संवाद का उल्लेख किया जाता है। इसके बाद आगे की कथा विकसित होती है।
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