_*।। महापर्व छठ पूजा ।।*_
_सूर्योपासना व लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का शुभारंभ आज नहाय खाय से हो रहा हैं, सभी श्रद्धालुओं और छठ व्रतियों को छठ महापर्व के प्रथम अनुष्ठान नहाय खाय की हार्दिक शुभकामनायें।_
आत्मानुशासन का यह पर्व अस्ताचल और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते का अद्भुत उत्सव है।भगवान भास्कर से आप सब की प्रगति, सुख, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना है।
आप सभी पर छठी माता की कृपा सदैव बनी रहे।
*छठ महापर्व- 2025*
चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत आज 25 अक्टूबर 2025 से हो रही है। इसमें सूर्य देव और षष्ठी माता की पूजा का महत्व है।
पंचांग के अनुसार छठ पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। लेकिन इसकी शुरुआत चतुर्थी तिथि से नहाय-खाय के साथ हो जाती है और सप्तमी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है। लोकआस्था का महापर्व छठ पूरे चार दिनों तक चलता है।
छठ महापर्व उषा, प्रकृति, जल, वायु और सूर्यदेव की बहन षष्ठी माता को समर्पित है। इसमें विशेष रूप से सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। आज भी लोग भक्तिभाव और पूर्ण श्रद्धा के साथ इसे मनाते हैं। इसलिए इसे लोकआस्था का महापर्व कहा जाता है।
छठ पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है और इसमें व्रती पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है। इसलिए छठ व्रत को कठिन व्रतों में एक माना गया है। इस साल छठ पर्व की शुरुआत आज से यानी 25 अक्टूबर 2025 से हो रही है। इस दिन व्रती नहाय-खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत करेगी। वहीं 28 अक्टूबर को ऊषा अर्घ्य और पारण के साथ छठ पर्व का समापन हो जाएगा। छठ व्रत सुहाग की लंबी आयु, संतान के सुखी जीवन और घर पर सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है।
*छठ पूजा 2025 कैलेंडर :-*
छठ पूजा की तिथि छठ पूजा का दिन छठ पूजा अनुष्ठान
शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 पहला दिन नहाय-खाय।
रविवार, 26 अक्टूबर 2025 दूसरा दिन खरना।
सोमवार, 27 अक्टूबर 2025 तीसरा दिन संध्या अर्घ्य।
मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 चौथा दिन उषा अर्घ्य।
छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय क साथ होती है। इसलिए यह दिन बहुत खास होता है। इस साल नहाय-खाय आज शनिवार 25 अक्टूबर 2025 को है।
*पहला दिन- नहाय खाय*
नहाय खाय के दिन व्रती सुबह नदी स्नान करती है और इसके बाद नए वस्त्र धारण कर प्रसाद ग्रहण करती है। छठ पूजा के नहाय-खाय में प्रसाद के रूप में कद्दू चना दाल की सब्जी, चावल आदि बनाए जाते हैं। सभी प्रसाद सेंधा नमक और घी से तैयार होता है। व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद घर के अन्य सदस्य भी इस सात्विक प्रसाद को ग्रहण करते हैं।
*दूसरे दिन– खरना*
छठ पर्व के दूसरे दिन खरना होता है, जो कि इस साल रविवार 26 अक्टूबर 2025 को है।
खरना के दिन व्रती केवल एक ही समय शाम में मीठा भोजन करती है। इस दिन मुख्य रूप से चावल के खीर का प्रसाद बनाया जाता है, जिसे मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी जलाकर बनाया जाता है। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद व्रती का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। इसके बाद सीधे पारण किया जाता है।
*तीसरा दिन- अर्घ्यं*
संध्या अर्घ्य छठ पूजा महत्वपूर्ण और दिन तीसरा होता है। इस दिन घर-परिवार के सभी लोग घाट पर जाते हैं और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस साल छठ पूजा का अस्तचलगामी अर्घ्य सोमवार 27 अक्टूबर 2025 को दिया जाएगा।
इस दिन सूप में फल, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि प्रसाद को सजाकर और कमर तक पानी में रहकर परिक्रमा करते हुए अर्घ्य देने की परंपरा है।
*चौथा दिन- उषा अर्घ्य*
ऊषा अर्घ्य छठ पूजा अंतिम और चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। इस साल ऊषा अर्घ्य मंगलवार 28 अक्टूबर 2025 को है।
इसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण कर पारण करती है
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जय श्री सूर्यनारायण जी
जय छठी मैया जी
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